सतीश सुरलिया जी का राजनीति से लेकर परिवार तक का सफर

सतीश सुरलिया जी का राजनीति से लेकर परिवार तक का सफर

*जीवन में कहीं ना कहीं मेहनत करनी पड़ती है सतीश सुरलिया*

सतीश सुरलिया का पढ़ाई से लेकर राजनिति का सफ़र का दौर।

सतीश सुरलिया जी का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ जो कि उनके गांव का नाम *धनाना *था जो (सोनीपत) जिले में है वो 6 भाई थे और उनमें लाडली उनकी बहन*

सतीश सुरलिया की पढ़ाई धनाना गांव में बस चौथी क्लास तक हुई गांव के सरकारी स्कूल से और आगे की पढ़ाई के लिए उनको जुलाना शिफ्ट होना पड़ा फिर पढ़ाई में ब्रेक लग जाया और उनके पिता गोपी राम सुरलिया जो की नहर महकमे में मेट पर कार्य करते थे। पढ़ाई में कई दिक्कते  परेशानियों का सामना करना पर उन्होने अपनी पढ़ाई जारी रखी दसवीं तक पढ़ाई की उन्होंने सरकारी स्कूल जुलना से की उसके बाद फिर इनका परिवार  हिसार में आके रहने लगे यहां उन्होने 12 कक्षा पास की फिर वो रंग पैंट, का काम करने लगे, सब्जियां भी बेची, चाय भी बेची पर दिल जज्बा की मुझे कुछ अलग करना है जिससे मेरे माता पिता को मुझे पे गर्व हो।

*सतीश सुरलिया जी के पिता का नाम*

*गोपी राम सुरलिया *माता का नाम *सर्वती देवी *

इनके पिता गोपी राम सुरलिया नहर महक में मैट थे। और माता एक हाउसवाइफ थी।

श्री गोपी राम सुरलिया ने अपने बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जहां पर उसे टाइम बहुत कम बच्चों की पढ़ाई की तरफ ध्यान दिया जाता था पर गोपी राम सुरलिया ने विशेष ध्यान रखा अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर उनको काफी दिक्कतों का सामना जरूर करना पड़ा पर उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं छूटने दी उन्होंने। उनके 6 लड़के और और एक लडकी थी।


उनके बड़े भाई सुनील प्रॉपर्टी डीलर का काम करते थे तो फिर वह उसके साथ प्रॉपर्टी डीलर का काम करने लगे उन्होंने कहा कि मुझे सुनील ने बहुत ज्यादा सपोर्ट किया। उसी दौरान मेरी 1999 में शादी कर दी गई उसे समय मेरे काका ससुर कलानौर के AML थे। तो जो मेरी पत्नी थी उनके परिवार वाले पहले से ही राजनीति से जुड़े हुए थे तो उसे दौरान मेरे साले ने मुझसे कहा कि आप चलिए मैं आपको किसी से मिलवाता हूं तो इस दौरान उनकी मुलाकात है जसवीर को दर से हुई जो कि भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष भी थे तो उन्होंने उनको उसे पार्टी में आने के लिए कहा तो उन्होंने पार्टी तब ज्वाइन कर ली तो उन्होंने बहुत ज्यादा सपोर्ट भी किया उसके बाद वह पीछे मुड़कर नहीं देखा वह आगे बढ़ते गए उसके बाद उन्होंने श्रीनिवास गोयल ,के साथ काम किया डॉक्टर कमल गुप्ता के साथ क्या किया और मनदीप मलिक का रवि, सनी , Malhotra  का भी काफी सहयोग रहा और डॉक्टर आशा खेदड़ के साथ भी मैंने काम किया बहुत अच्छा सफर रहा और  आशीर्वाद भी रहा। पर मैंने कभी हार नहीं मानी पार्टी में जुड़ने के बाद आगे बढ़ता गया।

*हिसार के मनोनित पार्षद कैसे बने*सतीश सुरलिया*

 मुझे अचानक से एक दिन कॉल आता है सुनील भाई का फिर मुझे डॉक्टर *कमल गुप्ता जी* कहते हैं की मुबारक हो आप पार्षद बन चुके हो, वह खुशी उसे टाइम बयान नहीं कर सकता की कितनी खुशी थी पर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था क्या मैं पार्षद बन चुका हूं सतीश सुरलिया ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार यह एक ऐसी सरकार है जो बैठे बिठाई  पार्षद बना सकती है। मुझे पावर मिली वह भी 20 वार्डों में काम करवाने की। मेरा परिवार बहुत खुश था।और उन्होंने यह भी कहा कि आज जो भी देने इसमें बीजेपी पार्टी का एक अहम रोल है ।


*सतीश सुरलिया जी के भाई बहन *

यह छह बहन भाई है इसे सबसे बड़े भाई का नाम है अतर सिंह सुरलिया, जो की एक सरकारी पोस्ट पर थे उसे पोस्ट का नाम था एसडीओ जो कि अब यह रिटायर हो चुके हैं और अपने परिवार के साथ टाइम बिता रहे हैं।

दूसरे नंबर  *कंवर सिंह सुरलिया*

जो कि यह भी एक सरकारी अधिकारी है  हिसार में इनकी पोस्टिंग है उनकी पोस्ट का नाम है SI 


तीसरे नंबर पर आते हैं* शिव सिंह सुरलिया* जो की नहर महक में प्रधान पर कार्य कर हैं ।

इनके बाद आते हैं *सुनील सिंह सुरलिया* जो कि यह प्रॉपर्टी डीलर का काम करते हैं हिसार में ही।

पांचवें नंबर पर है *सतवीर सिंह सुरलिया* जोकि पब्लिक हेल्थ में लगे हुए हैं।

छठे नंबर पर है *सतीश सुरलिया जी* जो की एक भाजपा के नेता भी है और मनोनीत पार्षद भी है ।

और एक उनकी बहन भी है जो की बहुत ही लाडली है उसकी शादी हो चुकी हैं वह अपने परिवार में खुशी से रहती है।


सुरलिया परिवार में उनके 6 भाइयों में उनके 8बेटे हैं और 12 बेटियां है। वह भी अपने पिता की तरह अपने बच्चों को आगे पढ़ा रहे हैं और उनमें से उनके बच्चे सफल भी हो गए हैं कोई डॉक्टर है तो कोई पुलिस लाइन में सब सफल हो चुके हैं और बेटियों की शादी कर चूके है दो बेटियां हैं उनकी वह आगे की पढ़ाई कर रही है।



Ravina reporter




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